
अदम्य साहस , इच्छाशक्ति ,स्वस्थ शरीर , अडिग विश्वास और पर्वत सी दृढ़ता किसी अभियान को अपने क़दमों से नापने में समर्थ होती है। रग रग में भरा साहस और उत्साह पर्वतारोहण का प्रथम सोपान है । कुशल प्रशिक्षण व अभियान से पूर्व की सज्जा उसे संतुलित व नियमबद्ध बनाती है ।
कुशल नेतृत्व एक अभियान का अभिन्न अंग होता है । समयानुकूल निर्णय लेने की क्षमता , तत्परता , उत्साह दल के नायक की कुशलता का परिचायक होती है। प्रतिकूल परिस्थिति में ढाँढस भरे दो शब्द थके शरीर में नवीन रक्त का संचार करते हैं । प्रकृति का साहचर्य सदा से मानव को अपने अंक में आश्रय देता रहा है। सिंधिया कन्या विद्यालय की छात्राएँ पूर्व अफ़्रीका के अत्यन्त दुर्गम 'किलिमंजारो ' पर्वत शिखर पर अपने पदचिह्नों से इतिहास रचकर आयीं हैं। 'किलिमंजारो ' पर्वत विश्व के सात सर्वोच्च शिखरों में से एक है । यह एक पर्वत श्रृंखला नहीं अपितु स्वतंत्र अस्तित्व वाला पर्वत है ।
' उहुरू ' नामक पर्वत शिखर समुद्र तल से 5895 मीटर ( 19314 फ़ीट ) की ऊँचाई पर है। इस आर्कटिक क्षेत्र में बर्फ़ की चट्टानें पायी जातीं हैं ।यहाँ नियमित मानव जीवन व वन्य जीवन असंभव है।
विगत तीन महीनों से छात्राएँ व शिक्षक इस अभियान हेतु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे । छात्राओं ने मानसिक ,शारीरिक ,भावनात्मक व साँसों के संतुलन के लिए योग की कक्षा में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया । दुरूह मार्ग और शीत की अधिकता अवरोध उत्पन्न कर रही थी । फिर भी साहस ,धैर्य आत्मविश्वास के साथ दुर्गम मार्ग और प्रतिकूल परिस्थितियों में उत्साहित कदम चोटी छू लेने का जज़्बा लिए लक्ष्य तक पहुँच गए ।
हर रोज़ कुछ कदम , लक्ष्य की ओर बढे हैं।
इस रोमांचकारी अभियान में , प्रधानाचार्या जी के संरक्षण में दो शिक्षकों सुमन यादव व विनय राठौर तथा 17 छात्राओं ने निष्ठा पूर्वक सहभागिता की ।
सिंधिया कन्या विद्यालय की छात्राओं ने विगत वर्षों में कई पर्वतारोही अभियानों में साझेदारी की है ।

सिन्धिया कन्या विद्यालय एक आवासीय विद्यालय है । जहाँ अध्ययन के लिए देश, विदेश से छात्रायें आतीं हैं । सुरक्षा की दृष्टि से आवासीय विद्यालय का दायित्व अन्य विद्यालयों की तुलना में अधिक बढ़ जाता है ।जिसमें छात्रा के व्यक्तिगत ,चारित्रिक ,भावनात्मक व सर्वांगीण विकास के साथ सुरक्षा भी महत्वपूर्ण पक्ष होता है ।
विद्यालय परिसर में महिला सुरक्षा कर्मी रात दिन छात्राओं की सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध हैं ।विद्यालय में 'एंटी रैगिंग कमेटी ' पोक्सो कमेटी' गठित की गईं हैं । प्रशिक्षित अध्यापिकाएं प्रधानाचार्या जी के कुशल प्रतिनिधित्व में इन कमेटियों का दायित्व निभा रहीं हैं।
छात्रा की व्यक्तिगत सुरक्षा हेतु 14 मापदंड निर्धारित किये गए हैं । जिनके सुरक्षा कवच में छात्रा स्वयं को सुरक्षित व स्नेहसिक्त पाती है । कभी असहज होने की स्थिति में छात्रा विद्यालय में इन निर्धारित मापदंडों के समक्ष स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति कर समाधान पा सकती है ।
मापदंड
1 प्रिंसिपल
2 वाइस प्रिंसिपल
3 हाउस मिस्ट्रेस
4 हाउस मदर
5 क्लास टीचर
6 मित्र
7 हाउस ट्यूटर
8 काउंसलर
9 कोऑर्डिनेटर स्टूडेंट वेलफ़ेयर
10 सब्जेक्ट टीचर
11 डॉक्टर
12 नर्स
13 पेरेंट्स
14 वौइस बॉक्स
ये सुरक्षा चक्र उसे भावनात्मक रूप से सबल व अभिवावकों को आश्वस्त बनाता है । इस प्रकार प्राकृतिक वातावरण में अध्ययन के साथ साथ क्रीड़ा ,सेवा ,सहयोग ,परंपरा , नैतिक मूल्यों , आधुनिकता का समन्वय बन वह देश की प्रगति में सहायक होती है ।



